मुझे गम नहीं की रूठ गया , हर अपना बेगाना | की ज़िंदगी हो तुम , तुम न रूठ जाना |
''अपना समझो या बेगाना हमारा आपका रिश्ता है पुराना इसलिए फ़र्ज़ था आपको बताना गर्मियाँ शुरू हो गयी है रोज़ नहाना ...''