ज़िंदगी

ज़िंदगी

मुझे गम नहीं की रूठ गया ,
हर अपना बेगाना |
की ज़िंदगी हो तुम ,
तुम न रूठ जाना |

अपना समझो या बेगाना

अपना समझो या बेगाना

''अपना समझो या बेगाना
हमारा आपका रिश्ता है पुराना
इसलिए फ़र्ज़ था आपको बताना
गर्मियाँ शुरू हो गयी है
रोज़ नहाना ...''